मुझे लेते हो जब अपनी मुहब्बत की पनाहों मेंये जादू कैसा तुम करते खिची आती मै बांहों मेंये धड़कन तेज क्यों होती ये सांसे क्यों उखडती हैमुझे जब देखते हो तुम निगाहों ही निगाहों में !!
No comments:
Post a Comment