मेरी यादों की सुबह से निखर आये हो अब तुम,मेरे एहसास की गर्मी से संवर आये हो अब तुम,जो चाहो भुलाना तुम तब भी होगा न ये मुमकिनइश्क की हद से आगे जो गुजर आये हो अब तुम !
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