तेरे जलवों का मुझपें ऐसा असर हो गया,दीन-ओ-दुनिया से मैं बेख़बर हो गयासूझता कुछ भी नहीं मुझको बस तेरे सिवातु ही मंज़िल और तू ही हमसफ़र हो गया॥
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